संयुक्त राज्य अमेरिका के सुपरसिक्योर परमाणु कार्यक्रम का सबसे रहस्यमयी घटक AGM-181 Long Range Standoff (LRSO) लॉन्च क्रूज मिसाइल सार्वजनिक दृश्य में पहली बार आई है। कैलिफोर्निया के ओवंस वैली में हालिया परीक्षण उड़ान के दौरान B-52H Stratofortress बमवर्षक के पंखों के नीचे LRSO जैसी स्टेल्थ मिसाइलें देखी गईं, जिनकी तस्वीरें और वर्णन वैश्विक रक्षा और सुरक्षा समुदाय में हलचल पैदा कर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि यह प्रदर्शन केवल तकनीकी परीक्षण नहीं था बल्कि एक राजनीतिक-संदेश भी था खासकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए। अमेरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में आगे बढ़ाए जा रहे इस गोपनीय कार्यक्रम को न केवल आधुनिक परमाणु नीतियों के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि इसे अमेरिका के “डिटरेंस” ढांचे को मज़बूत करने की कोशिश भी माना जा रहा है।
परीक्षण उड़ान
29 अक्टूबर 2025 को एविएशन फोटोग्राफर इयान रेचियो ने ओवंस वैली में B-52H की एक उड़ान की तस्वीरें खींचीं। तस्वीरों का विश्लेषण करने पर विमान के पंखों के नीचे दो अज्ञात मिसाइलों के रूप में दिखाई देने वाले ऑब्जेक्ट मिले जिन्हें कई रक्षा विशेषज्ञों ने LRSO के परीक्षण सैट-प्लेटफॉर्म के रूप में पहचाना। अमेरिका ने तकनीकी विवरण प्रकाशित नहीं किए, पर विख्यात रक्षा विश्लेषकों और फोटो-विश्लेषण से यह संकेत पहुँचा कि LRSO का अवलोकन संभव हुआ है।
अमेरिका क्यों विकसित कर रहा है LRSO?
LRSO को अमेरिकी न्यूक्लियर ट्रायड (लैंड-सेट, सी-सेट, एयर-लॉन्च) के हवाई तत्त्व का आधुनिक प्रतिस्थापन माना जा रहा है खासकर पुराने AGM-86B को बदलने के लिए।आधुनिक रूसी और चीनी एयर डिफेन्स के समक्ष पारंपरिक क्रूज़ मिसाइलों की प्रभावशीलता घटती जा रही थी; LRSO का उद्देश्य इन्हीं चुनौतियों का सामना कर सकने की क्षमता देना है। सार्वजनिक प्रदर्शन को विश्लेषक एक चेतावनी के रूप में भी पढ़ते हैं — वैश्विक प्रतिद्वंद्वियों को याद दिलाना कि अमेरिका के पास अत्याधुनिक, त्वरित प्रतीक्षाबद्ध विकल्प मौजूद हैं।